उत्तराखंड में 30 अप्रैल से विधिवत रुप से चारधाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी। 30 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खोले जाएंगे। केदारनाथ धाम के दर्शन श्रद्धालु 2 मई और बद्रीनाथ धाम के दर्शन 4 मई से कर पाएंगे। Chardham Yatra Health Advisory चारधाम यात्रा को सुखद, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने कमर कस ली है। इसी के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग भी श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर कई बड़े कदम उठा रहा है। जिसके तहत उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने 12 भाषाओं में स्वास्थ्य परामर्श एवं एसओपी जारी कर दी है। सचिव स्वास्थ्य डॉ.आर राजेश कुमार की ओर से जारी एसओपी में तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य सुरक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। राज्य सरकार ने विभिन्न भौगोलिक और जलवायु संबंधी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए 12 भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी, तेलुगु, मणिपुरी, गुजराती, मलयालम, बांग्ला, कन्नड़, मराठी, पंजाबी, उड़िया व तमिल) में स्वास्थ्य परामर्श व एसओपी जारी की है।
डॉ.कुमार ने बताया कि सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को पत्र के माध्यम से आग्रह किया है कि यात्रा से पूर्व स्वास्थ्य जांच, सतर्कता और चिकित्सकीय तैयारियों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। विशेषकर, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री जैसे ऊँचे-चढ़ते क्षेत्रों में तीर्थयात्रियों को कठोर जलवायु, निम्न ऑक्सीजन स्तर एवं कठिन मार्ग स्थितियों का सामना करना पड़ता है, अतः तीर्थयात्री जरूरी स्वास्थ्य परीक्षण व आवश्यक तैयारियों के साथ आयें। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि स्क्रीनिंग प्वाइंट, आपातकालीन सेवाएं और हेलीपैड जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर तीर्थयात्रियों की सहायता सुनिश्चित की जाएगी। इस व्यापक परामर्श को सभी राज्यों में पत्र भेजकर संभावित तीर्थयात्रियों तक आवश्यक जानकारी पहुँचाने का प्रयास किया गया है। राज्य सरकार की यह प्रतिबद्धता चारधाम यात्रा 2025 को सुरक्षित, सुगम एवं सफल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।