चारधाम यात्रा के बेहतर प्रबंधन को लेकर CM धामी की बैठक, जिला प्रशासन स्तर पर सभी व्यवस्थाएं हो बेहतर

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जन शिकायतों का शीघ्रता से समाधान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए, जिससे शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे। CM Dhami’s meeting regarding Chardham Yatra आगामी चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा के दौरान उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों, होटल व्यवसायियों तथा अन्य हितधारकों के साथ समन्वय स्थापित कर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने सभी विभागीय सचिवों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा के दौरान विभागों और जिला प्रशासन के स्तर पर सभी व्यवस्थाएं बेहतर बनाई जाए। चारधाम यात्रा आस्था का प्रमुख केन्द्र होने के साथ ही स्थानीय लोगों की आजीविका से भी जुड़ी है।

चारधाम यात्रा से जुड़े सभी हितधारकों से निरन्तर समन्वय बनाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिये हैं। चारधाम यात्रा को स्वच्छ, सुंदर और पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके लिए जन सहयोग भी लिया जाए। यात्रा मार्गों पर स्वच्छता, सौंदर्यीकरण और यात्री सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी चारधाम यात्रा को लेकर ट्रैफिक व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को परेशानी न हो।मुख्यमंत्री ने बैठक में वनाग्नि प्रबंधन के लिए वन विभाग के साथ सभी जिलाधिकारियों को पूर्ण तैयारी करने के निर्देश दिये है। वनाग्नि की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में आवश्यक उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए।

वनाग्नि नियंत्रण के लिए त्वरित कार्यवाही के लिए स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों के नम्बर भी अपडेट रखे जाएं, ताकि वनाग्नि की घटना होने पर शीघ्रता से नियंत्रण किया जा सके। वनाग्नि की संभावना वाले क्षेत्रों में टीमें तैनात की जाए और उनकी निरंतर मॉनिटरिंग भी की जाए। मोबाइल गश्त टीमें भी तैनात की जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि गर्मियों में लोगों को पेयजल की दिक्कत न हो। पेयजल की समस्याएं आने पर उनका त्वरित समाधान किया जाएं। पेयजल टैंकर की भी पर्याप्त उपलब्घता सुनिश्चित की जाए। सभी जिलाधिकारियों को पेयजल की समस्याओं के समाधान के लिए अपने स्तर से बैठक करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं। उन्होंने आगामी मानसून सीजन के दृष्टिगत भी सभी सुरक्षात्मक उपाय करने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से बाढ़ सुरक्षा से संबंधित कार्यों की प्रगति की जानकारी भी ली। जल भराव की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में सभी उपचारात्मक कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारियों द्वारा जन सुनवाई नियमित की जाए। तहसील दिवस, बीडीसी की बैठकों और बहुद्देशीय शिविरों के माध्यम से लोगों को योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों को अनावश्यक रूप से दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़े। ई-सेवाओं के माध्यम से लोगों को अधिकाधिक लाभान्वित किया जाए। अनावश्यक रूप से कार्यों में लेटलतीफी करने वाले कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विद्युत बिलों को लेकर प्राप्त हो रही शिकायतों का तुरंत निस्तारण किया जाए। स्मार्ट मीटर लगाने की कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।