Gairsain Budget Session के पहले दिन विधानसभा घेरेगी कांग्रेस, गैरसैंण में ही होगी कैबिनेट की बैठक

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Uttarakhand Budget Session: उत्तराखंड में होली मिलन कार्यक्रम के बाद धामी सरकार राज्य के बजट की तैयारियों में जुट गई है। गैरसैण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन में 13 मार्च से विधानसभा बजट सत्र आहूत किया गया है। बजट सत्र के दौरान ही उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक भी भराड़ीसैंण में होगी। इस राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कड़े अहम फैसले लिए जाने की उम्मीद है। उधर बजट सत्र के लिए कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति बना ली है। उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन 13 मार्च को कांग्रेस पार्टी भराड़ीसैंण विधानसभा का घेराव करेगी। कांग्रेस गैरसैंण में कथित भर्ती घोटाला, अंकिता भंडारी हत्याकांड और अडानी मामले के विरोध में विधानसभा का घेराव करेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारें हर मोर्चे पर विफल हो रही हैं।

बता दे, अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले धामी सरकार राज्य का बजट पेश करने जा रही है। धामी सरकार के बजट में विशेषकर रोजगार पर फोकस होगा। इसके साथ ही सरकार की ओर से अवस्थापना विकास, पर्यटन, औद्योगिक विकास, खेती व उद्यानिकी पर ज्यादा जोर दिया जाएगा। सीएम धामी ने कहा कि सरकार का बजट रोजगार केंद्रित होगा। इसके साथ ही राज्य के बजट में केंद्र की झलक देखने को मिलेगी। वहीं माना जा रहा है कि धामी सरकार का बजट सशक्त उत्तराखंड 2025 की दिशा को तय करने वाला होगा। धामी सरकार का दावा है कि जनता के सुझाव पर सरकार बजट तैयार कर रही है। हर वर्ग को इस बजट से लाभान्वित किया जाएगा।

एक तरफ जहां राज्य सरकार बजट सत्र को ऐतिहासिक बनाने की तैयारियों में जुटी है वहीं, दूसरी ओर विपक्ष सत्तापक्ष को सड़क से सदन तक घेरने की रणनीति तैयार कर रहा है। कांग्रेस का कहना है कि उसके तरकश में बहुत तीर हैं। बेरोजगारी, महंगाई, बदहाल कानून व्यवस्था, अडानी का मामला समेत अन्य मुद्दों को लेकर सदन के भीतर और बाहर सरकार को घेरा जाएगा। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने विपक्ष के सवालों से बचने के लिए सत्र की अवधि को बेहद कम रखा है। अब सवाल ये है कि जब सरकार सत्र को गैरसैंण में करने के साथ ही जनता के अनुरूप बजट तैयार कर रही है तो ऐसे में विपक्ष आखिर क्यों सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है? क्या धामी सरकार गैरसैंण में हो रहे बजट सत्र से पहाड़ का पानी और जवानी रोक पाने में कामयाब होगी?