भारत में कई लोग सितंबर शुरू होते ही घूमने निकल पड़ते हैं। बारिश की वजह से लोग कई महीने तक घरों में ही रहते हैं। ऐसे में जैसे ही मौसम साफ़ होता है, टूरिट्स की भीड़ River Rafting In Rishikesh खासकर पहाड़ी एरिया में बढ़ने लगती है। पूरी दुनिया में ऋषिकेश की रिवर राफ्टिंग मशहूर है। लोग दूर-दूर से गंगा में राफ्टिंग का मजा लेने आते हैं। यहां दो सीजन में राफ्टिंग करवाई जाती है। एक मॉनसून से पहले और दूसरा मॉनसून के बाद। लेकिन इस बार एक सितंबर से शुरू होने वाले दूसरे सीजन में तोड़ा से देखने को मिली। कल 23 सितंबर से पर्यटक गंगा में राफ्टिंग का आनंद ले सकेंगे। साहसिक खेल विभाग ने संयुक्त निरीक्षण टीम की रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया है। पहले चरण में तीन स्थानों पर राफ्टिंग की अनुमति दी गई है, जबकि अन्य स्थानों पर जलस्तर का आकलन कर एक सप्ताह बाद फैसला लिया जाएगा।
गंगा नदी राफ्टिंग प्रबंधन समिति के तकनीकी दल ने संयुक्त निरीक्षण के बाद गंगा का जलस्तर राफ्टिंग के लिए उपयुक्त पाया है। हालाँकि वर्तमान में राफ्टिंग केवल मरीन ड्राइव से शिवपुरी और ब्रह्मपुरी से निम तथा खारास्रोत तक ही संचालित होगी। जुलाई और अगस्त के दौरान सुरक्षा कारणों से राफ्टिंग पर रोक रहती है, लेकिन सितंबर में जलस्तर सामान्य होने पर संचालन फिर से शुरू किया जाता है। इस वर्ष सितंबर में हुई वर्षा के कारण जलस्तर अत्यधिक बढ़ गया, जिससे एक सितंबर से राफ्टिंग शुरू नहीं हो पाई। शुक्रवार को दल ने मरीन ड्राइव से खरास्रोत तक गंगा में राफ्ट और कायक उतारकर जलस्तर का अध्ययन किया। अपनी रिपोर्ट पर्यटन विकास बोर्ड को भेजने के बाद उन्होंने मरीन ड्राइव से शिवपुरी और ब्रह्मपुरी से निम तथा खारास्रोत तक राफ्टिंग की अनुमति दी, जबकि शिवपुरी से निम और खारास्रोत के बीच राफ्टिंग गतिविधियां अभी शुरू न करने की सलाह दी गई है।