उत्तराखंड होमगार्ड विभाग तेजी से खुद को अपडेट करने में लगा हुआ है। भर्ती की नई नियमावली के साथ ही होमगार्डस की कार्य क्षमता और दक्षता को भी बढ़ाने का काम किया जा रहा है। वैसे तो पुलिस के सहायक के रूप में होमगार्डस को देखा जाता है, लेकिन जिस तरह होमगार्ड विभाग नए कदम उठा रहा है, उससे अब होमगार्ड्स पुलिस के सहायक की जगह कंधे से कंधा मिलाने के लिए तैयार होते हुए दिखाई दे रहे हैं। बता दें कि उत्तराखंड होमगार्ड विभाग ने होमगार्ड जवानों को पिस्टल फायरिंग को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। होमगार्ड्स को 21 दिन के विशेष प्रशिक्षण के दौरान उन्हें न केवल पिस्टल चलाने और बेहतर निशाना लगा पाने में दक्ष किया जा रहा है। बल्कि, पिस्टल के पार्ट्स को जोड़ने और इसे बेहतर तरीके से हैंडल करने के गुर भी सिखाए जा रहे हैं।
दरअसल, होमगार्ड विभाग पहले होमगार्ड्स के जवानों को एसएलआर (SLR) चलाने की ट्रेनिंग भी दे चुका है। अब पिस्टल चलाने में भी उन्हें पारंगत किया जा रहा है। हथियारों को हैंडल करने का प्रशिक्षण लेने के बाद अब होमगार्ड केवल ट्रेनिंग या कार्यालय के काम तक ही सीमित नहीं रह गए हैं। बल्कि, अब उन्हें सुरक्षा संबंधी कार्यों में भी उपयोग में लाया जा सकता है। इसके लिए होमगार्ड विभाग ने शासन को एक एसओपी भी भेजी है। इससे पहले होमगार्ड के जवानों को पुलिस की तरह ही मोटर बाइकिंग से लेकर दूसरे कई कार्यों में ट्रेंड किया गया। पुलिस की तरह ही इसकी एक टीम भी तैयार की गई है। बता दें कि महिला होमगार्ड को भी हथियार चलाने में पारंगत किया जा चुका है। इसके साथ ही उत्तराखंड में 320 पदों पर महिला होमगार्ड की भर्ती भी की जा रही है। जल्द ही यह भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी।