उत्तराखंड: ठगी का शिकार होने से बचीं IAS मनीषा पवार, पुलिस की शुरुआती जांच में हुआ ये खुलासा

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Uttarakhand Cyber Crime: साइबर अपराधी हाईप्रोफाइल लोगों को निशाना बनाने में जुटे हैं। उत्तराखंड की आईएएस अधिकारी का आधार कार्ड और मोबाइल नंबर इस्तेमाल कर मुंबई से मलेशिया के लिए पार्सल बुक कर दिया गया। गनीमत रही कि आईएएस मनीषा पवार साइबर ठगों का शिकार होने से बच गई। मनीषा पवार को कोरियर कंपनी से कॉल आया। फोन करने वाले ने बताया कि आपके पार्सल को कस्टम ने रोक लिया है। पार्सल में अवैध वस्तु होने के कारण बांद्रा पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज किया है। आईएएस मनीषा पवार के पैरों तलों जमीन खिसक गई। उन्होंने फौरन बसंत विहार थाने में शिकायत की। पुलिस मामला दर्ज कर तफ्तीश करने में जुटी है। शुरुआती जांच में पता चला है कि आईएएस को की गई कॉल साइबर ठगों की हो सकती है। एसपी सिटी ने बताया कि आईएएस की शिकायत पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उत्तराखंड पुलिस ने मुंबई में बांद्रा थाने के सीनियर इंस्पेक्टर संजय मराठे से बात की। उन्होंने बांद्रा थाने में आईएएस के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि मुकदमे की अपराध संख्या महाराष्ट्र पुलिस नहीं देती है।

इसलिए उत्तराखंड पुलिस को लग रहा है कि साइबर अपराधियों की करतूत भी हो सकती है। साइबर अपराधी कॉल कर लोगों को डराकर पैसे उगाही का काम करते हैं। देहरादून पुलिस धोखाधोड़ी की कोशिश के मामले को गंभीरता से ली रही है। एसपी सिटी ने बताया कि आईएएस की शिकायत पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उत्तराखंड पुलिस ने मुंबई में बांद्रा थाने के सीनियर इंस्पेक्टर संजय मराठे से बात की। उन्होंने बांद्रा थाने में आईएएस के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि मुकदमे की अपराध संख्या महाराष्ट्र पुलिस नहीं देती है। इसलिए उत्तराखंड पुलिस को लग रहा है कि साइबर अपराधियों की करतूत भी हो सकती है। साइबर अपराधी कॉल कर लोगों को डराकर पैसे उगाही का काम करते हैं। देहरादून पुलिस धोखाधोड़ी की कोशिश के मामले को गंभीरता से ली रही है।