उत्तराखंड के इस गांव में किन्नरों की मनमानी पर लगेगी लगाम, ग्राम सभा ने तय किए शगुन के रेट

उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के एक गांव में शुभ मौके पर किन्नरों को दी जाने वाली रकम तय कर दी गई है। बाकायदा इसके लिए गांव के प्रधान ने प्रस्ताव पारित किया है।

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किन्नर भले ही हमारे समाज में रहते हैं लेकिन आज भी इनको देखने का अलग ही नजरिया है। किन्नरों से कोई उलझना नहीं चाहता है, माना जाता है इनकी दुआ और बद्दुआ दोनों ही लग सकती हैं। Eunuch Greetings Rate fixed कोई इसे उलझता नहीं तो ये तो लोग कई बार बहुत बदतमीजी कर जाते हैं। किसी भी खुशी के मौके पर ये अपनी टोली के साथ पहुंच जाते हैं, और मुंह मांगे पैसे लेते है। कई जगह पर इनकी ये जबरदस्ती लोगों को पसंद नहीं आती है। ऐसा ही एक मामला हरिद्वार के एक गांव से आया है, जहां पर किन्नरों से परेशान लोगों ने पंचायत बुलाकर उनके बधाई रेट को फिक्स कर दिया है। इस गांव के प्रधान द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया है। प्रस्ताव में लिखा गया है कि शादी समारोह या अन्य खुशी के मौके पर किन्नरों को शगुन के तौर पर अब तय धनराशि से अधिक नहीं दी जाएगी। इसके लिए गांव में बाकायदा बोर्ड भी लगाया गया है।

इसी के साथ कड़ी चेतावनी भी दी गई है कि अगर कोई किन्नर प्रस्ताव में तय की गई धनराशि से अधिक पैसा वसूलता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। ग्राम प्रधान रुचि सैनी और प्रतिनिधि कंवरपाल सैनी ने बताया कि ग्राम पंचायत की एक खुली बैठक बुलाई गई। बैठक में समस्त ग्रामवासियों की सहमति से गांव में किन्नरों के द्वारा बधाई में लेने वाली धनराशि तय की गई है। इसमें सभी की सहमति से गांव में किन्नरों द्वारा ली जाने वाली शगुन की धनराशि तय की गई है। अवसरों के हिसाब से 1100 रुपये, 2100 रुपये और 3100 रुपये तय किए गए हैं। शगुन की धनराशि और चेतावनी संबंधी बोर्ड गांव में लगवाया गया है। प्रस्ताव पारित होने के बाद अब अगर कोई किन्नर ज्यादा पैसों की डिमांड करता हुआ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।