उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के 9 दिनों के बाद लिव-इन में रह रहे जोड़े ने पहला रजिस्ट्रेशन कराया है। Live In Relationship Uttarakhand यह युगल देहरादून जिले का बताया जा रहा है, हालांकि दून से प्राप्त दो आवेदनों के अलावा एक आवेदन दूसरे जिले से भी प्राप्त हुआ था। संहिता की नियमावली में यह स्पष्ट है कि लिव इन किसका हुआ है इसकी जानकारी साझा तब तक नहीं की जाएगी, जब तक संबंधित पक्ष इसकी जानकारी न दे। केवल संख्या की जानकारी साझा की जाएगी। समान नागरिक संहिता को लागू करने वाले पोर्टल में अभी तक उत्तराखंड में लिव का एक पंजीकरण होने की सूचना दर्शाई गई है। इसके साथ ही इसमें अभी तक 359 विवाह पंजीकरण व वसीयत की पुष्टि के दो पंजीकरण दर्ज हुए हैं। अभी तक विवाह विच्छेद व लिव इन विच्छेद के शून्य मामले चल रहे हैं।
गौरतलब हो कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता ने लिव इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता मिलने के बाद दून में दो जोड़े सबसे पहले पंजीकरण कराने के लिए आगे आए। दोनों युगलों ने यूसीसी पोर्टल पर आवेदन किया। इसके अलावा राज्य से दूसरे जिले से भी एक जोड़े ने आवेदन किया है। पुलिस आवेदनों की जांच कर रही है। दस्तावेज व दावे सही पाए जाने के बाद पहले जोड़े को लिव इन में रहने के लिए कानूनी तौर पर अनुमति दे दी गई है। यूसीसी अधिनियम के तहत जो भी जोड़े लिव इन रिलेशनशिप का पंजीकरण कराएंगे, उन्हें 16 पेज का फॉर्म भरना होगा। पंजीकरण शुल्क जमा करना होगा और यह भी बताना होगा कि अगर भविष्य में वह विवाह करना चाहें तो वो इस योग्य हैं या नहीं। जोड़े को पिछले लिव इन संबंधों का विवरण भी देना होगा।