उत्तराखंड में बारिश का कहर! 300 के करीब सड़कें बंद, कल कई जिलों में बंद रहेंगे स्कूल

उत्तराखंड में बीते 48 घंटों से बारिश के कारण पहाड़ से लेकर मैदान तक का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रखा है। कुमाऊं मंडल में बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान चंपावत और नैनीताल जिले में देखने को मिला है।

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उत्तराखंड में मॉनसून जाते हुए भी कहर बरपा रहा है। जगह-जगह पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। कहीं लोगों को अपने आशियाने छोड़ने पड़ रहे हैं तो चारधाम यात्रा को भी बीच-बीच में रोकना पड़ रहा है। Heavy Rain in Uttarakhand वहीं, अभी बारिश से राहत नहीं मिलने वाली है। ऐसे में बारिश के अलर्ट को देखते हुए कई जिलों के स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है। कल यानी 14 सितंबर को चमोली जिले में कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने और तेज बारिश होने की आशंका है। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए चमोली जिले में कल स्कूल बंद रहेंगे। जिसके तहत शासकीय, गैर शासकीय, निजी विद्यालयों में (कक्षा 1 से 12वीं तक) और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित किया गया है। उधर, चंपावत और नैनीताल में भी स्कूलों में छुट्टी दी गई है।

प्रदेश में पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण कुमाऊं के टनकपुर, पिथौरागढ़ और चंपावत में बाढ़ जैसे हालात हैं। भारी बारिश के चलते चंपावत के पास कुछ गांव में पानी घुसने की खबर है। बेरीनाग में 6 मकान भूस्खलन की चपेट में आये हैं। पूरे प्रदेश में 2 दिन हुई लगातार बारिश के कारण करीब 300 सड़के बंद हैं। जिसमें पिथौरागढ़ टनकपुर मुख्य मार्ग भी शामिल है। नैनीताल के रामनगर स्थित गर्जिया देवी मंदिर के कपाट भी कोसी नदी का जल स्तर बढ़ने से श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए। भारी बारिश के कारण नदी-नाले पर उफान पर हैं। कोसी नदी भी अपने विकराल रूप में बह रही है। ऋषिकेश में तेज बारिश से गंगा और उसकी सहायक नदियां ऊफान पर आ गई है। गंगा घाट और तट जलमग्न हो गए हैं। गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा के पार पहुंच गया है। त्रिवेणी घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गया है।