ऋषिकेश न केवल चारधाम यात्रा का प्रवेश द्वार है वरन विश्व योग व आध्यात्म की अन्तर्राष्ट्रीय राजधानी भी है। ऋषिकेश में 1 से 7 मार्च तक आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का समापन शुक्रवार को हो गया। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज मुख्य अतिथि रहे। International Yoga Festival 2025 उन्होंने ऋषिकेश को विश्व योग और अध्यात्म की राजधानी बताया। महोत्सव में 410 लोगों ने हिस्सा लिया। इनमें 38 विदेशी योग साधक भी शामिल थे। मंत्री ने उत्तराखंड में पर्यटन की नई संभावनाओं पर भी चर्चा की। इस मौके पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। सतपाल महाराज ने कहा कि देवभूमि में ऋषि-मुनियों ने कठिन साधना कर स्वास्थ्य रक्षा के लिए योग और प्राणायाम के ऐसे सूत्र तलाशे हैं, जो मानव सभ्यता के लिए वरदान साबित हुए हैं।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि ऋषिकेश सदियों से योग की भूमि रही है। दुनिया भर के संत, महात्मा और साधक की यह साधना भूमि रही है। उत्तराखंड को योग की वैश्विक राजधानी के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से हर वर्ष की तरह इस बार भी अंतराष्ट्रीय योग महोत्सव 1 मार्च से 7 मार्च तक गंगा जी के पवित्र तट पर आयोजित किया गया। सतपाल महाराज ने कहा कि योग और प्राणायाम के जरिए हम कोरोना जैसी महामारी से बच पाए। आज दुनियाभर के लोग भारतीय योग को अपना रहे हैं। वे इसे अपनी जीवनशैली में शामिल कर रहे हैं। उत्तराखंड में पर्यटन की नई संभावनाओं की भी बात की। उन्होंने कहा कि सीमांत गांव जादूंग को होम स्टे के रूप में विकसित किया जा रहा है। गरतांग वैली के पुराने रास्ते को फिर से शुरू किया जा रहा है। टिम्मरसैण महादेव, जहां प्राकृतिक बर्फ का शिवलिंग है, को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु वहां पहुंच सकें।