शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भेजेंगे बाबा रामदेव को नोटिस, इस बयान के बाद छिड़ा विवाद

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि जो व्यक्ति अपने धर्माचार्य का सम्मान नहीं करता है, क्या उसे हिंदू धर्म में रहने का अधिकार है, नोटिस भेज कर पूछा जाएगा।

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ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और योग गुरु बाबा रामदेव के बीच विवाद शुरू हो गया है। Shankaracharya Saraswati will send a notice to Baba Ramdev देहरादून वसंत विहार के ऑफिसर्स कॉलोनी में धर्मसभा आयोजित की गई। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि अनुच्छेद 370 पर दिए गए बयान के बाद स्वामी रामदेव ने कहा था कि वे शंकराचार्य नहीं है। 370 लागू करने का समर्थन कर रहे हैं और उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा होना चाहिए। सनातन धर्म से बहिष्कार किया जाना चाहिए। उन्होंने सिर्फ ये कहा था कि अनुच्छेद 370 लगी रहती तो अच्छा था, क्योंकि उसमें गोहत्या पूरी तरह से प्रतिबंधित थी। वे स्वामी रामदेव को नोटिस देंगे।

उन्होंने आरोप तो लगा दिए लेकिन सिद्ध नहीं कर सके। जो अपने सर्वोच्च धर्माचार्य के ऊपर ये कहे कि उसे हिंदू धर्म से बहिष्कृत करना चाहिए, तो उसे हिंदू धर्म में रहने का अधिकार है या नहीं, इस पर विचार होना चाहिए। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बाबा रामदेव ने अपने एक्स अकाउंट पर एक वीडियो जारी करते हुए कहा था कि सनातन धर्म में शंकराचार्य जी की बड़ी प्रतिष्ठा है और कथित शंकराचार्य ने जो बयान दिया कि हम धारा 370 वापस लेकर आएंगे, यह सोचकर रूह कांप उठती है। इससे बड़ा पाप, अधर्म, राष्ट्रघात और राष्ट्रद्रोह कोई नहीं हो सकता है। लिहाजा शंकराचार्य के ऊपर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा होना चाहिए और धर्म से बहिष्कार कर देना चाहिए। वह शंकराचार्य की गद्दी के ऊपर कलंक हैं और उनके नाम के आगे शंकराचार्य लगाना भी शर्मिंदगी की बात है।