उम्मीद! वतन लौट आई हैं स्पीकर, विधानसभा भर्ती घोटाले में स्पीकर खंडूरी के पाले में गेंद…

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देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर नियुक्तियों का जिन्न एक बार फिर बाहर आ चुका है और सत्ताधारी भाजपा से लेकर विपक्षी कांग्रेस को परेशान कर रहा है। विधानसभा में कथिततौर पर पिछले दरवाजे से हुई भर्तियों की जांच को लेकर माहौल गर्म है। नियुक्तियों पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, त्रिवेंद्र सिंह रावत और पूर्व स्पीकर व वित्त मंत्री की अलग-अलग प्रतिक्रियाओं ने सियासत को और गरमा दिया है। अब सबकी निगाहें विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी पर लगी हैं। विदेश दौरे से लौटी स्पीकर के मंगलवार को देहरादून पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।

बता दे, वह पिछले एक हफ्ते से विदेश दौरे पर हैं और कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन के सम्मेलन में भाग लेकर स्वदेश लौट चुकी हैं। मंगलवार को वह नई दिल्ली से देहरादून आ सकती हैं। चूंकि विधानसभा की सभी भर्तियों की जांच कराए जाने के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी स्पीकर से अनुरोध करने की बात कह चुके हैं। इसलिए निगाहें स्पीकर खंडूड़ी के फैसले पर हैं। वही प्रेम चंद अग्रवाल, जो चौथी विधानसभा के कार्यकाल के दौरान अध्यक्ष थे, ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनके द्वारा की गई सभी भर्तियाँ नियमानुसार हैं और कहा कि विधानसभा में कर्मचारियों की कमी के कारण तदर्थ नियुक्तियाँ की गईं। कांग्रेस नेता और पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी इसी तरह की लाइन अपनाई है, जिन्होंने कहा था कि संविधान का अनुच्छेद 187 स्पीकर को तदर्थ नियुक्तियां करने का अधिकार देता है और उन्होंने उनका प्रयोग किया था।

अग्रवाल के कार्यकाल के दौरान विधानसभा ने दिसंबर 2021 में विभिन्न पदों पर 72 तदर्थ कर्मचारियों की भर्ती की। सूची में मंत्रियों के पीआरओ, सीएम के दो ओएसडी की पत्नियों और प्रमुख हस्तियों के रिश्तेदारों के नाम शामिल हैं। गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने तदर्थ नियुक्तियों पर रोक लगा दी है और इसका हवाला देते हुए तत्कालीन वित्त सचिव अमित सिंह नेगी ने विधानसभा में नई नियुक्तियों के लिए बजट जारी करने से इनकार कर दिया था. दिलचस्प बात यह है कि इन कर्मचारियों का वेतन प्रेम चंद अग्रवाल के वित्त विभाग का कार्यभार संभालने के एक दिन बाद 30 मार्च को जारी किया गया था।