हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद, पंच प्यारों की अगुवाई में हुई प्रक्रिया

हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। हेमकुंड साहिब में आज अंतिम अरदास पढ़ी गई जिसके बाद दरबार साहिब से पंच प्यारों की अगुवाई में गुरुग्रंथ साहिब को सचखंड में सोवित किया गया।

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गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। Hemkund Sahib Door Closed दोपहर साढ़े 12 बजे हेमकुंड साहिब स्थित गुरुद्वारे के दरबार साहिब में इस साल की अंतिम अरदास पढ़ी गई। जिसके बाद दरबार साहिब से गुरु साहिब जी के पंच प्यारों की अगुवाई में पवित्र गुरुग्रंथ साहिब जी को सचखंड में सोवित कर दिया गया। दोपहर एक बजे हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। पुणे के सुरिंदरपाल सिंह और उनके जत्थे ने दरबार साहिब में वर्ष का अंतिम कीर्तन किया। गढ़वाल स्काउट और पंजाब के बैंड भी मौजूद रहे।

हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि इस बार कपाट बंद होने के पावन अवसर पर करीब 2,500 से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि यात्रा कुशलता से चली और पिछले साल की तुलना में इस वर्ष श्रद्धालुओं का आंकड़ा बढ़ा है। इस साल बुधवार तक 1 लाख 83 हजार 219 श्रद्धालओं ने हेमकुंड साहिब में मत्था टेका। बता दें कि हेमकुंड साहिब उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। हेमकुंड साहिब को सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह की तपस्थली मानी जाती है।