यमुनोत्री धाम में हेली सेवा संचालन का ट्रायल, मशीनें एयरलिफ्ट करने की तैयारी

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यमुनोत्री धाम की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और 6 किलोमीटर के खड़ी चढ़ाई वाले पैदल मार्ग के कारण मशीनों को वहां पहुंचाना संभव नहीं है, जिसके लिए जिला प्रशासन ने मशीनों को एयरलिफ्ट कराने का फैसला लिया है। Cheetah Helicopter Land Yamunotri ताकि, यमुनोत्री धाम में बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों को तेजी से पूरा किया जा सके। डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन (डीजीसीए) की टीम ने यहां बने हेलीपैड से आपातकालीन संचालन को तो अनुमति प्रदान की है, लेकिन यात्री संचालन के लिए कुछ शर्तें लगाने की बात कही है। ऐसे में उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विभाग अगले सप्ताह फिर से डीजीसीए की टीम का यहां दौरा करा रहा है, ताकि यात्रियों के लिए हेली सेवा संचालन पर निर्णय लिया जा सके। प्रदेश में चारधाम यात्रा के दौरान अभी केदारनाथ धाम व हेमकुंड के लिए हेली सेवाओं का संचालन किया जाता है।

इसके तहत चिनूक हेलिकॉप्टर से ट्रायल लैंडिंग की योजना को लेकर अधिकारियों ने चीता हेलिकॉप्टर से यमुनोत्री धाम के निकट गरुड़ गंगा क्षेत्र में निर्माणाधीन हेलीपैड का मुआयना किया। दरअसल, जुलाई 2024 में यमुनोत्री धाम में आई आपदा के कारण भारी नुकसान हुआ था। इससे पुरोहित समाज और जिला प्रशासन ने बड़ी मशीनों को उतार कर दीर्घकालिक योजना के तहत केदारनाथ की तर्ज पर सुरक्षा कार्य करने का निर्णय लिया है, लेकिन क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों को मध्य नजर रखते हुए चारधाम यात्रा प्रशासन ने वायुसेना की मदद से बड़ी मशीनों को एयरलिफ्ट से यमुनोत्री धाम के निकट गरुड़ गंगा के पास हैलीपेड में करवाने को लेकर अभी चीता हैलीकॉप्टर लैंडिंग ट्रायल आदि के रेकी के लिए यमुनोत्री धाम पहुंचा।