उत्तराखंड कांग्रेस का दिल्ली में पांचों सीटों पर मंथन जारी, फिर अटका प्रत्याशियों का फैसला

देर रात तक चली सीईसी की बैठक में हरिद्वार, गढ़वाल, टिहरी, अल्मोड़ा व नैनीताल लोकसभा सीट से प्रत्याशियों की घोषणा हो सकती है। लेकिन प्रत्याशियों के नामों पर निर्णय नहीं हो पाया है।

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लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड कांग्रेस भले ही प्रदेश की पांचों लोकसभा सीट जीतने का दावा कर रही है। लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही नजर आ रही है। Uttarakhand Congress जहा एक तरफ भाजपा ने तीन सीटों पर प्रत्याशियों का नाम जारी कर लोकसभा चुनाव का ऐलान कर लिया है तो वही, कांग्रेस किसी भी सीट पर प्रत्याशी उतारने की योजना को अंतिम रूप नही दे पाई है। सोमवार को नई दिल्ली में देर रात तक केंद्रीय चुनाव समिति में प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा हुई। सभी सीटों पर प्रत्याशियों का फैसला अटका हुआ है। 15 मार्च को दोबारा से सीईसी की बैठक बुलाई गई है। माना जा रहा था कि सीईसी की बैठक में हरिद्वार, गढ़वाल, टिहरी, अल्मोड़ा व नैनीताल लोकसभा सीट से प्रत्याशियों की घोषणा हो सकती है। लेकिन प्रत्याशियों के नामों पर निर्णय नहीं हो पाया है।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि, कांग्रेस नेता चुनाव लड़ने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान असहज है। यही वजह है कि कांग्रेस आलाकमान को प्रत्याशियों के चयन में काफी समय लग रहा है। नेताओं के चुनाव लड़ने से बचने के तमाम वजह सामने आ रहे हैं। जिसमें मुख्य रूप से साल 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव की तरह ही साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भी मोदी लहर का बड़ा फैक्टर देखने को मिल रहा है। चुनावी तैयारी के बीच कांग्रेस में इन दोनों उथल पुथल भी देखा जा रहा है। एक तरफ भाजपा ने तीन लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। दूसरी तरफ कांग्रेस के मनीष खंडूड़ी, शैलेंद्र रावत और अशोक वर्मा जैसे कई दिग्गज नेता भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं। इसके अलावा कांग्रेस अभी भी लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं कर पाई है।