- एक महिला जो जन्म से सिखनी है… लेकिन दिल पहाड़ी है
- पंजाब में रहती है… उत्तराखंड की बात सुनाती है… सबको बताती है
- देवभूमि के लोग इनकी बात सुनेंगे… तो दिल बाग बाग हो जाएगा..
- पंजाबी है… उत्तराखंड के लोगों के गढ़वाली भाषा बोलने के मामले में मात दे रही है
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सुनी इनकी भाषा… सुन लिया… पंजाबी हैं… गढ़वाली में फर्राटेदार बोल रही… इनके बारे में बताएंगे कौन है… ये हैं… लेकिन इतना समझ लीजिए… ये पंजाब में उभरती राजनेता है… जिनके राजनीतिक झुकाव का बीज कई दशक पहले बोया गया था…इनके दादा-दादी भारतीय राष्ट्रीय सेना में स्वतंत्रता सेनानी थे… और भारत छोड़ो आंदोलन का हिस्सा थे… बचपन से ही इन्होंने उस ओर कदम बढ़ाया… जिसमें वंचितों और ज़रूरतमंदों की सेवा शामिल थी… बहुत कम उम्र में राजनीति की ओर आयी… 2001 में गढ़वाल सभा के सदस्य के रूप में यात्रा शुरू की… और अब ऐसी जिसे उत्तराखंड पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत उत्तराखंड की शान बताने में पीछे नहीं है… हरदा ने इनके बारे में कभी कहा था…
Gfx in हमारे देवभूमि उत्तराखंड की बहू के रूप में गुरुबख्श रावत जैसे युवा और गतिशील नेता का होना गर्व की बात है… वो ना सिर्फ शहर में हमारे उत्तराखंड का एक चेहरा है… बल्कि चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा में हमारी उत्तराखंड संस्कृति का प्रभावी ढ़ंग से प्रतिनिधित्व और प्रचार कर रही है… वो जनकल्याण के लिए बहुत ही काम में डूबी, सुलभ औऱ 24 घंटे उपलब्ध नेता है… पिछले कुछ सालों में एक जनप्रतिनिधि के रूप में उनका उल्लेखनीय प्रदर्शन वास्तविक रूप में अनदेखा नहीं किया जा सकता है… उनका मददगार स्वभाव और पहाड़ी भाषा पर उनकी मजबूत पकड़ असाधारण रूप से सराहनीय है… ईश्वर आने वाले सालों में उज्ज्वल भविष्य प्रदान करे …gfx out
गुरबख्श रावत नाम है इनका… चंडीगढ़ में मुनिसिपल काउंसलर हैं… चंडीगढ़ में जन्मी गुरबख्श की शादी 2001 में बरिंदर रावत से हुई थी…आज उत्तराखंड के लोगों को गढवाली अपना संदेश दे रही है…गुरुबख्श बताती है… वो भले ही पंजाबी है… लेकिन देवभूमि की सभ्यता और संस्कृति उनके दिल में बसती है…उत्तराखंड की गढ़वाली भाषा उनके जीवन का हिस्सा है… वो पंजाब में रह रहे उत्तराखंड के लोगों को कह रही है… अपनी भाषा को मत भूलिए… ये आपकी पहचान है… इसे जीवन का हिस्सा बनाइए…