उत्तराखंड के सभी अस्पतालों के लिए अग्नि सुरक्षा को लेकर जारी हुई एडवाइजरी

उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों के लिए अग्नि सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है।

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दिल्ली समेत कई राज्यों के अस्पतालों में हुई अब तक अग्निकांड को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह से अलर्ट है। Fire Safety Advisory for Hospitals in Uttarakhand सीएम धामी के निर्देशों पर राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने गर्मी के महीनों के दौरान अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक एडवाइजरी जारी की है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा जारी इस एडवाइजरी में राज्य के सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं में अग्नि सुरक्षा उपायों को तुरंत और पूरी तरह से लागू करने की मांग की गई है। डॉ. राजेश ने अस्पताल प्रबंधन, स्टाफ और नियामक निकायों की सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर देते हुए कहा, यह आवश्यक है कि हम ऐसी विनाशकारी घटनाओं को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाएं।

अग्नि सुरक्षा एडवाइजरी के मुख्य बिंदू-

  • अस्पतालों को सभी जरूरी स्थानों पर अग्निशामक, धुआं डिटेक्टर और अग्नि अलार्म स्थापित करने चाहिए।
  • विशेष रूप से नवजात और गहन चिकित्सा इकाइयों में नियमित निरीक्षण के साथ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्वचालित स्प्रिंकलर सिस्टम और अन्य अग्निशमन यंत्र लगे होने चाहिए
  • अस्पतालों में स्पष्ट रूप से चिन्हित आपातकालीन निकासी अनिवार्य हैं।
  • अस्पतालों का स्थानीय अग्निशमन विभागों और आपातकालीन सेवाओं के साथ तालमेल होना चाहिए।ऑक्सीजन सिलेंडरों या फिर पाइप्ड ऑक्सीजन के उचित स्थान, भंडारण के साथ-साथ सख्त धूम्रपान निषेध नीतियां और ऑक्सीजन के पास हीट सोर्स पर लगाम लगाया जाना चाहिए।
  • अग्नि सुरक्षा, विद्युत तारों, और आपातकालीन अवसंरचना समेत भवन सुरक्षा कोड का पालन होना चाहिए।
  • अस्पतालों में जब नया उपकरण जोड़ा जाता है या फिर किसी वार्ड को आईसीयू में बदला जाता है तो वार्षिक विद्युत लोड ऑडिट करें
  • सभी अस्पताल कर्मचारियों को व्यापक अग्नि सुरक्षा प्रशिक्षण दिया जाए
  • सभी विद्युत उपकरणों, तारों और अन्य संभावित अग्नि खतरों के लिए सख्त रखरखाव की व्यवस्था को लागू करे।
  • नवजात के साथ बाल चिकित्सा इकाइयों पर ध्यान दें। क्षेत्रों में उन्नत अग्नि सुरक्षा व्यवस्था हो।
  • आगंतुकों के लिए सख्त दिशा निर्देश स्थापित करें। ताकि, ज्वलनशील सामग्री का जोखिम कम हो
  • अस्पताल कर्मचारियों को अस्पताल के लेआउट और अग्नि सुरक्षा योजनाओं की जानकारी हो
  • अग्नि घटनाओं की रिपोर्टिंग के लिए विशिष्ट प्रोटोकॉल विकसित करें।
  • अस्पताल निर्माण और साज-सज्जा में गैर-दहनशील और अग्नि-प्रतिरोधी सामग्री का इस्तेमाल किया जाए।