उत्तराखंड वन विकास निगम के अधिकारियों ने एक ऐसी रकम के लिए दो साल पहले करीब एक अरब रूपया इनकम टैक्स में जमा करा दिया, जो रकम उत्तराखंड को कभी मिली ही नहीं। Uttarakhand Forest Development Corporation Income Tax यह आयकर उत्तर प्रदेश वन निगम से मिलने वाली लगभग 560 करोड़ रुपये की उस रकम के सापेक्ष भरा गया है, जो अभी तक उत्तराखंड वन विकास निगम को प्राप्त भी नहीं हुई है। मामले का खुलासा तब हुआ जब विभागीय मंत्री अफसरों की समीक्षा मीटिंग ले रहे थे। रकम आने की उम्मीद में एक अरब रुपया इनकम टैक्स जमा कराने के इस अनोखे मामले से मंत्री भी हैरान रह गए। हैरान इस कदर की कुछ देर तक मंत्री की समझ में ही नहीं आया कि ऐसे कैंसे हो सकता है, लेकिन उत्तराखंड के अफसर ऐसा कर गए।
उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद वन निगम में परिसंपत्तियों का बंटवारा होना था। तीन वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश वन निगम और उत्तराखंड वन विकास निगम के बीच एक करार हुआ। इसके तहत उत्तर प्रदेश ने उत्तराखंड को 100 करोड़ रुपये देने थे। यह पैसा राज्य बनने के दौरान उत्तराखंड को मिलना था, इसलिए इस पर ब्याज बढ़ता गया और यह रकम कुल मिलाकर अनुसार 560 करोड़ हो गई। यद्यपि यह धनराशि उत्तराखंड को अभी तक नहीं मिली है। इस बीच आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश वन निगम से 560 करोड़ रुपये के संबंध में आयकर चुकाने को कहा तो उत्तर प्रदेश ने इस रकम को उत्तराखंड का बताया। इस पर आयकर विभाग ने उत्तराखंड वन विकास निगम से इस रकम पर आयकर देने को कहा। आयकर न देने पर विभाग ने वन विकास निगम का देहरादून स्थित एसबीआई ब्रांच का खाता सीज कर दिया। इस पर वन विकास निगम ने 100 करोड़ रुपये टैक्स जमा कर दिया।