उत्तराखंड चारधाम की यात्रा 30 अप्रैल से शुरू हो रही है। जिसके दृष्टिगत संबंधित विभाग तैयारियों को मुकम्मल करने की कवायद में जुटे हुए हैं। Influenza virus in horses and mules इस बीच यात्रा शुरू होने से पहले उत्तराखंड में घोड़े-खच्चरों में खतरनाक इन्फ्लूएंजा वायरस मिलने की खबर से हड़कंप मच गया है। सरकार ने इस खतरे को गंभीरता से लेते हुए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। खासतौर पर केदारनाथ धाम जाने वाले घोड़े-खच्चरों के लिए कड़े नियम लागू किए गए हैं। पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने मामले में बैठक कर घोड़े-खच्चरों की अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य जांच के निर्देश दिए हैं। विभागीय मंत्री ने सचिवालय में हुई बैठक में कहा, रुद्रप्रयाग के वीरोन एवं बस्ती गांव में घोड़े-खच्चरों में इक्वाइन इन्फ्लुएंजा संक्रामक रोग की पुष्टि हुई है।
जिसे देखते हुए विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि निकट भविष्य में चार-धाम यात्रा प्रस्तावित है। ऐसे में शीर्ष प्राथमिकता पर घोड़े, खच्चरों की स्क्रीनिंग की जाए, ताकि रोगग्रस्त पशु यात्रा में शामिल न हो सकें। विभागीय मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, बागेश्वर एवं चमोली जिलों के साथ-साथ प्रदेश की सीमाओं पर स्थापित पशु रोग नियंत्रण चौकियों पर समस्त घोड़े-खच्चरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। इसके अलावा अन्य सीमावर्ती राज्यों से चारधाम यात्रा के दौरान आने वाले घोड़े, खच्चरों को अनिवार्य रूप अपने जिलों से स्वास्थ्य परीक्षण प्रमाणपत्र एवं इक्वाइन इन्फ्लुएंजा की निगेटिव रिपोर्ट के साथ ही प्रदेश में प्रवेश की अनुमति प्रदान की जाए। केदारनाथ धाम के लिए दो जगहों पर क्वारंटीन सेंटर बनाए जा रहे हैं, जहां संक्रमित या संदिग्ध जानवरों को रखा जाएगा। यात्रा के दौरान घोड़े-खच्चरों की नियमित जांच की जाएगी।