चमोली माणा एवलॉन्च: धामी सरकार की तत्परता से बची 46 जिंदगियां, दुर्भाग्यवश 8 लोगों ने गंवाई जान

मुख्यमंत्री धामी के कुशल आपदा प्रबंधन ने चमोली जिले के माणा में हुए भीषण हिमस्खलन से आई आपदा के नुकसान को न्यूनतम कर दिया। तीन दिन पूर्व हुई इस भयावह घटना में कुल 54 लोग बर्फ के नीचे दब गए थे, जिसमें से 46 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया, जबकि दुर्भाग्यवश 8 लोगों के शव बरामद हुए।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि जनपद चमोली के माणा गांव के निकट हुए हिमस्खलन हादसे में लापता श्रमवीरों की तलाश के लिए चलाया जा रहा सर्च ऑपरेशन समाप्त हो गया है। Chamoli Mana Glacier Accident इस हादसे में कुल 54 लोग फँसे थे, जिनमें से 46 को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि शेष 8 लोगों का दुःखद निधन हो गया है मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं ईश्वर से दिवंगतों की आत्मा को शांति और शोक संतप्त परिजनों को इस कठिन समय में संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं। राहत एवं बचाव अभियान में आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुमूल्य मार्गदर्शन और केंद्र सरकार का पूर्ण सहयोग मिला। जिसके परिणामस्वरूप यह अभियान त्वरित और प्रभावी रूप से संचालित हो सका। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में तत्परता के साथ मदद पहुंचाने के लिए समस्त प्रदेशवासियों की ओर से केंद्रीय नेतृत्व का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। स्थानीय प्रशासन, सेना, SDRF सहित सभी बचाव दलों ने अदम्य साहस, निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य किया। कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने श्रमिक बंधुओं को सुरक्षित निकालने के लिए अपनी पूरी ताक़त झोंक दी, जो अत्यंत सराहनीय है। उनके साहस और कर्तव्यनिष्ठा को मैं नमन करता हूं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पूरे ऑपरेशन पर नजर बनाए रखी। उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर सारी जानकारी ली और केंद्र से हर प्रकार की सहायता के प्रति आश्वस्त किया। पीएमओ और गृह मंत्रालय का राज्य सरकार से लगातार समन्वय रहा। पूरे सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन पर मुख्यमंत्री ने लगातार नजर बनाए रखी। मुख्यमंत्री द्वारा इस रेस्क्यू अभियान के दौरान चार बार एस०ई०ओ०सी० पहुंचकर खोज एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की गयी। वे ज्योर्तिमठ भी गए और सर्च और रेस्क्यू कार्यों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने पूरे क्षेत्र का हवाई निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री के निर्देशन में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी के साथ समुचित समन्वय किया गया, लगातार राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के माध्यम से नियमित तौर पर पूरे घटनाक्रम की निगरानी की गई तथा सभी विभागों के आपसी समन्वय से युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किया गया।गंभीर रूप से घायल श्रनिकों के उपचार का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।