Chardham Yatra: शीतकाल के लिए बंद हुए सभी धामों के कपाट, अब कहां होंगे दर्शन?

चारों धामों बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट अब अगले छह महीनों के लिए बंद हो चुके हैं। इसी के साथ इस साल की चारधाम यात्रा का समापन हो चुका है।

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चारों धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं। विधि विधान और विशेष पूजा अर्चना के साथ सभी चारों धामों बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट अब अगले छह महीनों के लिए बंद हो चुके हैं। इसी के साथ इस साल की चारधाम यात्रा का समापन हो चुका है और अब अगले साल फिर से चारधाम यात्रा शुरू होगी और देश के कोने-कोने से श्रद्धालु चारों धामों में दर्शन के लिए पहुंचेंगे। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इस साल बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में 30 लाख से भी ज्यादा तीर्थयात्री पहुंचे। चारों धामों में 46 लाख 17 हजार 445 श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किए। इस बार यात्रा सीजन 10 मई 2024 को शुरू हुआ था। जबकि 12 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुले थे। बदरीनाथ धाम में 14 लाख 35 हजार 341 तीर्थयात्री दर्शन करने पहुंचे। केदारनाथ धाम 16 लाख 52 हजार 76 तीर्थयात्री पहुंचे। गंगोत्री धाम के 8,15,273 जबकि यमुनोत्री धाम में 7,14,755 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।

इस बार चारधाम यात्रा के दौरान जो श्रद्धालु उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित धामों में जाने में असमर्थ रहे, वो भी गद्दीस्थलों पर शीतकाल में दर्शन और पूजा कर सकते हैं। सूबे की सरकार भी शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा दे रही ताकि सूबे में सालभर पर्यटन और धार्मिक पर्यटन गतिविधियां चलती रहें। हिंदू मान्यता के अनुसार शीतकाल के छह मास उत्तराखंड के चार धामों में देवता पूजा पाठ करते हैं। जिस वजह से बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री चारों धाम के कपाट बंद हो जाते हैं। इस दौरान मां गंगा उत्तरकाशी जिले के मुखवा गांव और यमुना मां खरसाली में विराजमान होती हैं। बाबा केदार रूद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ और भगवान बदरी विशाल पांडुकेश्वर जोशीमठ चमोली में आ जाते हैं। जहां 6 माह शीतकाल में पूजा अर्चना होती है।