भले ही सरकार और उनके नुमाएंदे विकास के नगमे गाएं, लेकिन हकीकत क्या है? ये उन तस्वीरों को देखकर लगाया जा सकता है। Villagers Took Elderly Man to Hospital जिसमें आज भी ग्रामीण एयर एंबुलेंस के जमाने में मरीज को डंडी कंडी पर लादकर मीलों दूरी नाप रहे हैं। ऐसी ही तस्वीरें नैनीताल जिले के ओखलकांडा गांव से सामने आई है। जहां एक घायल महिला को डोली के सहारे 5 किलोमीटर कंधों पर रखकर ग्रामीण नजदीकी मोटर मार्ग तक लाए, जिसके बाद 18 किलोमीटर दूर अस्पताल ले गए। मिली जानकारी के अनुसार, ओखलकांडा स्थित सुनकोट गांव निवासी 27 वर्षीय दीपा देवी खेत में घास काटने के दौरान गिर गई थी। महिला के चोटिल होने पर उन्हें सुनकोट गांव से अस्पताल ले जाना था, लेकिन वो पैदल चलने की स्थिति में नहीं थी।
इसके बाद ग्रामीणों ने घायल दीपा देवी को 5 किलोमीटर डोली में बैठाकर पैदल ही उबड-खाबड रास्तों और जंगल से गुजरते हुए नजदीकी मोटर मार्ग तक लाए। वहां से घायल महिला को प्राइवेट वाहन से 18 किलोमीटर दूर प्राथमिक उपचार केंद्र ढोली गांव में उपचार दिया गया। गिरने से दीपा के सिर में नौ टांके लगे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि वो पिछले कई सालों से गांव तक सड़क बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों को कोई सुनने वाला नहीं है। ग्रामीणों को प्रशासन से झूठे आश्वासन मिले, लेकिन धरातल में हाल जस के तस हैं। पूर्व ग्राम प्रधान मदन सिंह नौलिया, डीकरनाथ गोस्वामी, पूरन नाथ गोस्वामी, भगवान सिंह बोरा, ईश्वर सिंह बोरा, पूरन बोरा आदि ग्रामीणों ने घायल दीपा को स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। ग्रामीणों ने सरकार और जिला अधिकारी से ग्रामीण सड़क और गांव में अस्पताल बनाने की मांग की है।