मंत्री रावत ने दिए निर्देश: तय समय पर नहीं पहुंची एंबुलेंस तो तो संचालन कंपनी पर होगी कार्यवाही

स्वास्थ्य मंत्री ने एंबुलेंस की जवाबदेही तय कर रिस्पॉंस टाइम कम से कम करने को कहा। पर्वतीय क्षेत्र में एंबुलेंस का रिस्पॉंस टाइम 18 से 20 मिनट और मैदानी इलाकों में 15 मिनट तय किया जाएगा।

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स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के साथ बैठक आयोजित की। बैठक में 108 इमरजेंसी सेवा को दुरुस्त करने पर चर्चा की गई। Uttarakhand 108 Ambulance Service वहीं, 108 आपातकालीन सेवा को और अधिक जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से अब हर जिले में एंबुलेंस की बैकअप व्यवस्था रहेगी। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से 108 एंबुलेंस के बेड़े में इजाफा करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में एंबुलेंस संचालन के लिए अलग-अलग रिस्पॉस टाइम तय किया गया है। दुर्घटना के दौरान जरूरतमंद व्यक्ति को एंबुलेंस की लोकेशन की सटीक जानकारी दी जाएगी। तय समय सीमा पर एंबुलेंस उपलब्ध न होने पर सेवा दाता कंपनी पर तीन गुना जुर्माना लगाया जाएगा।

रावत ने बताया कि जरूरतमंद लोगों को अब एंबुलेंस के लोकेशन की सूचना भी उपलब्ध कराई जाएगी। रिस्पॉन्स टाइम की तय समय सीमा के भीतर रोगी को वाहन नहीं मिलने की सूरत में सेवा प्रदाता के खिलाफ तीन गुना पेनल्टी लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर एंबुलेंस चालक या मेडिकल स्टाफ मरीजों के साथ कोई दुर्व्यवहार करता है तो ऐसी स्थिति में उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, मंत्री रावत ने बताया कि संबंधित अधिकारी को ये भी कहा गया है कि मरीजों को अस्पताल में एक ही एंबुलेंस से पहुंचाया जाए। ताकि, मार्गों में अलग-अलग एंबुलेंस न बदलनी पड़े। बता दें कि इस समय 108 आपातकालीन सेवा के तहत राज्य भर में 272 एंबुलेंस संचालित की जा रही हैं, जिनकी संख्या को बढ़ाकर 334 किया जाएगा।