उत्तराखंड में मानसून सीजन के बीच डेंगू का खतरा बढ़ता जा रहा है। बरसात सीजन के दौरान डेंगू समेत जल जनित रोगों की संभावना के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग व्यवस्थाओं दुरुस्त करने की कवायद में जुटी हुई है। Uttarakhand Anti dengue campaign इसी कड़ी में स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों में सभी रेखीय विभागों के साथ बैठक कर माइक्रो प्लान तैयार कर योजनाबद्ध तरीके से क्रियान्वयन करायेंगे। राज्य सरकार ने सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों में 10 फीसदी बेड डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया से पीड़ित मरीजों के लिये आरक्षित रखने के निर्देश विभागीय अधिकारीयों को दे दिये हैं। डॉ. रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि मानसून सीजन में डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया सहित वेक्टर जनित रोगों के संक्रमण की संभावना अधिक बनी रहती है, जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग को अन्य नोडल विभागों शिक्षा, शहरी विकास, ग्राम्य विकास, सूचना एवं लोक सम्पर्क आदि विभागों के साथ समन्वय कर वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिये अभियान तेज करने की जरूरत है।
उन्होंने सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को अपने क्षेत्र में ब्लड बैकों को अलर्ट रखने व प्लेटलेट्स तथा प्लाज्मा के रेट निर्धारित कर लगातार मॉनिटिंग करने को कहा। ताकि किसी भी मरीज को आवश्यकता पड़ने पर ब्लड, प्लाजमा व प्लेटलेट्स आसानी से उपलब्ध हो सके। डॉ. रावत ने जिलाधिकारियों को अपने जनपदों में सभी रेखीय विभागों की बैठक आयोजित कर जागरूकता एवं सर्च अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिये। खासकर देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, पौड़ी व टिहरी जनपदों के अधिकारियों को विशेष सर्तकता बरतने के निर्देश दिये। बैठक में प्रभारी अधिकारी एनएचएम डॉ. पंकज सिंह ने डेंगू नियंत्रण व रोकथाम को लेकर पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण दिया। जिसमें उन्होंने बताया कि राज्य में आतिथि तक डेंगू का कोई भी केस सामने नहीं आया है जो कि आम लोगों के साथ ही विभाग के लिये सुखद खबर है।