उत्तराखंड के चमोली जिले में बदरीनाथ के पास माणा में शुक्रवार को आए एवलॉन्च के बाद मलबे में दबे बीआरओ मजदूरों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन तीसरे दिन पूरा हो गया है। 60 घंटे से चला रेस्क्यू ऑपरेशन रविवार की शाम को समाप्त हो गया। Chamoli Mana Glacier Accident इस हादसे में आठ मजदूरों की जान चली गई, जबकि 46 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। रविवार को रेस्क्यू टीम ने आखिरी लापता मजदूर का शव भी बरामद कर लिया। आधुनिक तकनीक और हवाई सहायता के जरिए बचाव दल लगातार खोज में जुटा था। अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान में तेजी लाने के लिए हेलीकॉप्टर, खोजी कुत्तों और थर्मल इमेजिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया। पहले दो दिनों तक खराब मौसम के बीच बचाव अभियान करीब 60 घंटे तक चला।
इससे पहले रविवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बचाव अभियान की जानकारी लेने के लिए उत्तराखंड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का दौरा किया। बता दें कि माणा के पास शुक्रवार तड़के भारी हिमस्खलन हुआ था, जिसके चपेट में बीआरओ के 54 श्रमिक आ गए थे। पहले दिन 33 श्रमिकों को सुरक्षित निकाला गया था। शनिवार तक रेस्क्यू टीमों ने 46 श्रमिकों को सुरक्षित निकाल लिया था, जबकि चार श्रमिकों के शव बरामद हुए थे। उसके बाद लापता चल रहे चार अन्य श्रमिकों की खोजबीन के लिए रविवार को फिर तीनों रेस्क्यू टीमों ने सर्च अभियान चलाया। दोपहर करीब एक बजे पहले एक शव बरामद हुआ। उसके बाद दो अन्य श्रमिकों के शव भी बरामद हुए। अंतिम लापता व्यक्ति का शव दोपहर करीब चार बजे बरामद कर लिया गया। जिसके बाद हादसे में मृतकों की संख्या आठ हो गई।