उत्तराखंड: ठगों के जाल में ऐसे फंसा युवक, शेयर बाजार में मुनाफे का झांसा देकर 1.17 करोड़ की ठगी

देहरादून में एक युवक को शेयर बाजार में भारी मुनाफे का लालच देकर ठगों ने एक करोड़ रुपये का चूना लगा दिया। बुजुर्ग को ठगी का एहसास तब हुआ जब उन्होंने निवेश किए गए पैसों को निकालना चाहा।

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रोजाना हजारों-लाखों कमाने का लालच देकर ऑनलाइन मोबाइल एप के माध्यम से ठगी के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। ऐसा ही मामला राजधानी देहरादून में सामने आया है। साइबर ठगों ने शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर जाखन निवासी एक व्यक्ति से 1.17 करोड़ रुपये ठग लिए। Stock Market Investment Frauds ठगों ने खुद को एक बड़ी कंपनी का प्रतिनिधि बताया था। उन्हें एप पर अच्छा खासा लाभ भी दर्शाया गया। लेकिन, जब उन्होंने अपने पैसे निकालने चाहे तो उनसे निवेश के नाम पर और अधिक रकम जमा कराने को कहा। लालच बढ़ता गया लेकिन जब वह अपना एक रुपया भी नहीं निकाल पाए तो उन्हें इस तरीके पर शक हुआ और साइबर थाने को शिकायत कर दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़ित ने साइबर पुलिस को बताया कि पिछले दिनों उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया था। इस ग्रुप पर कई लोग एडमिन बने हुए थे। ये सब अपने आप को आस्क इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स लिमिटेड के प्रतिनिधि बता रहे थे। इन सभी ने बताया था कि वह शेयर मार्केट निवेश के विश्लेषक के तौर पर काम करते हैं। ग्रुप पर कई ऐसे शेयर के बारे में बताया गया जिनसे लोगों ने अच्छा खासा लाभ कमाया है।

इस पर उन्होंने भी निवेश की इच्छा जताई। ग्रुप की एडमिन प्रिया शर्मा ने उन्हें एक आस्कआईसीप्रो नाम की एप डाउनलोड करने को कहा। शुरुआत में उन्होंने इस एप पर मौजूद बैंक खाते में गत 17 मार्च को अपनी पत्नी के खाते से 50 हजार रुपये जमा किए। इस रकम से कई शेयर खरीदे गए। इसका कुछ ही देर में 10 हजार रुपये लाभ भी एप पर दर्शाया गया। यह देखकर उन्हें और ज्यादा विश्वास आ गया। इसके बाद पीड़ित ने 50 हजार रुपये और जमा कर दिए। इनसे भी कथित रूप से शेयर खरीदे गए। इसके अगले दिन यह रकम बढ़कर डेढ़ लाख रुपये दर्शाई गई। लालचवश उन्होंने और भी रकम जमा कर दी। पीड़ित ने अपनी लाभ की रकम निकालनी चाही तो इस पर तमाम तरह की शर्तें दर्शाई गई। मसलन आप पांच लाख रुपये से कम का भुगतान नहीं ले सकते। इस तरह जब उनका लाभ और मूल रकम 10 लाख रुपये से भी ज्यादा हो गई तो उन्होंने फिर निकालने का प्रयास किया। अब फिर निकालने की सीमा को बढ़ा दिया गया। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि उन्होंने इस तरह एप पर मौजूद खातों में एनईएफटी, आरटीजीएस व अन्य माध्यमों से 1.17 करोड़ रुपये जमा कर दिए।