धामी सरकार के 3 साल बेमिसाल: BJP ने बताया ऐतिहासिक, जिले से लेकर मंडल स्तर पर होंगे कार्यक्रम

मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने पर आज यानी 22 मार्च से 25 मार्च तक सभी जिला मुख्यालयों और 24 से 30 मार्च तक विधानसभा और ब्लॉक स्तर पर बहुद्देशीय शिविरों का बड़े स्तर पर आयोजन किया जाएगा।

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भाजपा ने प्रदेश सरकार के 3 वर्षों को देवभूमि के लिए शानदार, ऐतिहासिक और इतिहास निर्माण करने वाला बताया है। पार्टी मुख्यालय में धामी सरकार के सेवा सुशासन के 3 वर्ष पूर्ण होने पर आज से पत्रकार वार्ता श्रृंखला का आगाज हुआ है। Dhami Government 3 Years जिसमें प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने अपने संबोधन में बताया, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के नेतृत्व में भाजपा ने प्रदेश की जनता से जो भी वादे किए, वे सभी पूरे किए गए हैं। सुरेश जोशी ने कहा सरकार की प्राथमिकता राज्य की डेमोग्राफी और उसके देवभूमि स्वरूप को बरकरार रखने की है। उसी दिशा में उतराखंड की बागडोर संभाल रहे युवा सीएम ने समान नागरिक संहिता, धर्मांतरण कानून, दंगारोधी कानून और सख्त भू कानून जैसे ऐतिहासिक एवं साहसिक कदम उठाए। यही वजह है कि राज्य में पहले और देश के उन प्रमुख मुख्यमंत्रियों की कतार में खड़े है जिनके फैसलों और वायदों पर शत प्रतिशत खरा उतरने वालों के रूप मे उनकी सर्वाधिक चर्चा होती है।

जोशी ने कहा जनता की नब्ज टटोलकर निर्णय लेने वाले सरकार के कार्यकाल मे दर्जनों ऐसे निर्णय सामने आये, जिनका बेमन से विपक्ष ने विरोध जताया, लेकिन जनता ने न केवल उसे सराहा, बल्कि समय समय पर उप चुनाव, निकायों में इन पर सहमति की मुहर तक लगायी। राज्य की डेमोग्राफी और उसका देवभूमि स्वरूप सुनिश्चित करने के लिए हम कठोरतम धर्मांतरण कानून लेकर आए, अवैध धार्मिक अतिक्रमणों एवं शिक्षण संस्थानों पर रोक लगाई और दंगारोधी कानून लागू किया। जिसका नतीजा है कि लव जिहाद और लैंड जिहाद की साजिशें पर पूर्ण विराम लग गया है। इस पूरी कार्यवाही से अब तक 144. 5 हजार एकड़ से अधिक भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया और सैकड़ों अवैध मदरसों पर ताला लगाया गया है। पर्वतीय क्षेत्रों की लंबे समय से एक बड़ी चिंता अपनी कृषि जमीनों को बचाने की थी। जिसे गंभीरता और पूरी संवेदनशीलता से लेते हुए सरकार भू कानून लेकर आई है। जिसके मुताबिक अब तक गैर प्रयोजन उपयोग में लायी गयी भूमि को सरकार में निहित करने का प्रावधान किया गया है। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में अब कृषि भूमि को कोई बाहरी व्यक्ति नही खरीद पायेगा।