उत्तराखंड में लगातार एक माह की अतिवृष्टि और प्राकृतिक आपदाओं के कारण बाधित गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग को अब फिर से खोल दिया गया है। Kedarnath Yatra 2024 लोक निर्माण विभाग ने मार्ग को सुरक्षित बनाने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में चट्टानों में गहरे छेद कर सरियों के जाल और सुरक्षा पुस्तों का निर्माण किया है। इसके अलावा, प्रशासन द्वारा सुरक्षा जवानों की तैनाती की गई है, ताकि यात्रा सुगम और सुरक्षित बनी रहे। सोमवार को केदारनाथ में कुल 11242 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। धाम के कपाट खुलने के बाद से अभी तक कुल 11 लाख 71 हजार 822 श्रद्धालु बाबा दर्शन कर चुके हैं। सुबह 5 बजे से ही सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए श्रद्धालु रवाना होने लगे थे। सेक्टर मजिस्ट्रेट राकेश सिंह ने बताया कि 13 हजार से अधिक श्रद्धालु पैदल मार्ग से धाम गए।
उत्तराखंड के चारों धामों में से सबसे अधिक तीर्थ यात्री बाबा केदार की यात्रा पर पहुंच रहे हैं। बरसात के समय और पिछले महीने केदारनाथ पैदल मार्ग ध्वस्त होने से यात्रियों की संख्या में कुछ कमी आई थी। लेकिन अब मौसम साफ होते ही और पैदल मार्ग दुरूस्त होते ही यात्रा ने गति पकड़ ली है। प्रशासन की ओर से भी यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार ने कहा कि केदारनाथ धाम की यात्रा पर भारी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं। प्रशासन का मकसद है कि धाम पहुंच रहे किसी भी यात्री को कोई परेशानी न हो और जल्द ही दर्शन प्राप्त हों। उन्होंने कहा कि पैदल यात्रा मार्ग पर जंगलचट्टी के निकट जहां रास्ता ध्वस्त हुआ था, उसे एक दिन में ही यात्रियों और घोड़े-खच्चरों की आवाजाही के लिए तैयार किया गया। पैदल मार्ग पर लगातार विद्युत, संचार सहित पानी और स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही हैं।