उत्तराखंड से मॉनसून की औपचारिक रूप से विदाई हो गई है। पिछले कुछ दिनों से मौसम शुष्क बना हुआ है। बारिश न होने के कारण तापमान में भी वृद्धि हो रही है। Uttarakhand Monsoon Season पिछले तीन वर्षाें से उत्तराखंड में मानसून की विदाई अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में ही हो रही है। अब अगले कुछ दिन प्रदेश में मौसम शुष्क बने रहने के आसार हैं। इस साल तकरीबन 255 करोड़ की सड़कों का नुकसान हुआ। वहीं, 3483 घरों के नुकसान के साथ ही इस बार मानसून सीजन में 82 लोगों की मौत हुई है। 28 लोगों को लापता की श्रेणी में रखा गया है। इस बार मॉनसून ने उत्तराखंड में 27 जून को दस्तक दी और उसके बाद भी बारिश का दौर तेज हो गया। हालांकि पूरे जून महीने में 49 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई लेकिन जुलाई में सामान्य से 20% अधिक बादल बरसे। अगस्त महीने में 9% ज्यादा बारिश हुई है।
वही सितंबर महीने में प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में जोरदार बारिश का सिलसिला जारी रहा। पूरे महीने में सामान्य से 55% अधिक वर्षा हुई है। मौसम विभाग की ओर से जारी सूचना के अनुसार बुधवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम राजस्थान के शेष भाग, पश्चिम उत्तर के कुछ भाग से लौट गया है। साथ ही पश्चिम उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों से अगले दो-तीन दिनों में मानसून के लौटने की संभावना है। इस मानसून सीजन के अगर बात करें तो 10 दिन की देरी से पहुंचे उत्तराखंड में मानसून ने जाते-जाते 30 सितंबर तक खूब कहर बरपाया।