शोक में डूबी टिहरी जब जवान का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव, शहीद प्रवीण को अंतिम विदाई देने उमड़ा जनसैलाब

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सैन्य भूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड का एक और लाल देश के लिए शहीद हो गया। देशसेवा करते दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हुए सेना के जवान प्रवीण सिंह का पार्थिव शरीर आज सुबह उनके पैतृक गांव टिहरी घनसाली पहुंच गया है। तिरंगे में लिपटे हुए जब जवान का शव पंहुचा तो उनके अंतिम दर्शन को पूरे गांव में जन सैलाब उमड़ पड़ा। पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ उनके पैतृक ग्राम लाया गया। इससे पहले एयरपोर्ट पर शहीद प्रवीण सिंह को सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने शहीद के सम्मान में नारे तो लगाए ही, पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाज़ी भी की।

जम्मू में आतंकियों के आत्मघाती दस्ते के हमले में शहीद हुए नौगवां के जवान प्रवीण सिंह को आज अंतिम विदाई दी गई। शहीद की पत्नी ने दर्शन स्थल पर पहुंच कर अंतिम प्रणाम किया। काफी देर तक पथराई आंखों से प्रवीण की पार्थिव देह को निहारती रहीं। उनके दोनों बेटों ने पार्थिव देह को आखिरी बार साष्टांग प्रणाम कर अंतिम नमन किया। लोगों के अंतिम दर्शन के बाद अंतिम संस्कार के लिये पूरे सम्मान के साथ शहीद शंकर की आखिरी यात्रा निकाली गई। बलिदानी प्रवीण वर्ष 2011 में सेना में भर्ती हुए थे और 15वीं गढ़वाल राइफल में कश्मीर में तैनात थे।

टिहरी जिले के नायक प्रवीण सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार शाम सेना के विमान से जॉलीग्रांट एयपोर्ट पहुंचा। जहां सूबे के सैनिक कल्याण मंत्री, गणेश जोशी ने वीरभूमि के लाल अमर शहीद के पार्थिव शरीर पर श्रृद्धा सुमन अर्पित किए तथा कांधा दे कर शहीद के गाव को रवाना किया। प्रवीण सिंह की शहादत की सूचना मिलने के बाद से ही शहीद के परिवार सहित पूरे गांव में मातम छाया हुआ है। जॉलीग्रांट एअरपोर्ट पहुंचे सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा वीरभूमि के लाल ने भारत माता के प्रति अपने कर्तव्यों का बहादुरी से पालन करते हुए वीरगति प्राप्त की है। मैं परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इस वीरात्मा को मोक्ष प्रदान करे और उनके शोकाकुल परिवार को इस असीम दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। इस मुश्किल समय में राज्य सरकार शहीद के परिवार जनों के साथ खड़ी है।