अल्मोड़ा बस हादसे की सामने आई असली वजह, मंजिल तक पहुंचने से पहले ही खत्म हो गया सफर

अल्मोड़ा सल्ट सड़क हादसे में अब तक 36 लोगों की मौत हो गई है। इस भयावह सड़क दुर्घटना के बाद से ही धामी सरकार एक्शन में है। अल्मोड़ा सड़क हादसे के बाद सीएम धामी ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिये।

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अल्मोड़ा जिले के तहसील सल्ट में कुपि के पास गढ़वाल यूजर्स की एक यात्री बस गिरने से एक बड़ा हादसा हो गया। जिसमें 63 लोग सवार थे। Almora Salt Bus Accident ये यात्री बस पौड़ी से रामनगर जा रही थी। अभी तक 36 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। हादसे में 28 लोगों ने मौके पर दम तोड़ा जबकि 8 घायलों की उपचार के दौरान अस्पताल में मौत हुई। कुल मिलाकर अभी तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 27 घायलों का अलग-अलग अस्पतालों में उपचार जारी है। बस में जान गंवाने वाले अधिकतर वे लोग थे जो दिवाली का त्योहार मनाने अपने गांव आए थे। छुट्टी खत्म होने पर जल्दी घर पहुंचने की जल्दबाजी में पहले से भरी बस में लोग सवार हो गए। किसी को भी आभास नहीं था कि मंजिल पर पहुंचने से पहले ही एक हादसा इस सबकी जान ले लेगा।

अस्पताल में भर्ती घायल हरीश चंद्र पोखरियाल के अनुसार, वह चालक के पास वाली सीट पर बैठे थे। चालक को मानसिक तनाव में देख यात्रियों ने पूछा तो उसने बताया कि ढाई लाख रुपये किसी को देने हैं। यात्रियों ने उसे हिम्मत दी। तनाव के बीच एक मोड़ पर उसने वाहन से नियंत्रण खोया और बस खाई में गिर गई। ज्यूखड़ाचौड़ा बैंड पर जिस जगह से बस खाई में गिरी थी वहां पर गाड़ी का कमानी पट्टा भी गिर गया था। संभागीय परिवहन विभाग के अधिकारी मौके से वह पट्टा जांच के लिए अपने साथ ले गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना के मजिस्ट्रेट जांच की जिम्मेदारी कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत को सौंपी है। ऐसे में परिवहन विभाग ने भी इस पूरे मामले की प्रारंभिक जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। उप परिवहन आयुक्त राजीव कुमार मेहरा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम गठित की गई है।