कौन है महाकुंभ में महफिल लूटने वाली ग्लैमरस साध्वी हर्षा रिछारिया, उत्तराखंड से है ये ताल्लुक

उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाली हर्षा रिछारिया ने खुद को आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंदगिरी महाराज की शिष्या बताया। उन्होंने सांसारिक जीवन और अपनी महत्वाकांक्षाओं को त्यागकर साध्वी का जीवन चुना।

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महाकुंभ 2025 मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु और संत महात्मा पहुंचे हैं। महाकुंभ में पहुंची परम सुंदरी साध्वी की चर्चा सोशल मीडिया पर खूब हो रही है। Harsha Richhariya Story साथ ही साध्वी को यूजर्स ट्रोल्स भी कर रहे हैं। वह साध्वी बनने से पहले सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर थी। दो साल पहले साध्वी ने अध्यात्म का मार्ग चुना है। उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाली हर्षा रिछारिया ने खुद को आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंदगिरी महाराज की शिष्या बताया। 30 वर्षीय हर्षा का कहना है कि उन्होंने सांसारिक जीवन और अपनी महत्वाकांक्षाओं को त्यागकर साध्वी का जीवन चुना। महाकुंभ के दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्हें जो कुछ पाना था। वह छोड़कर यह वेश धारण की हैं। अब मुझे केवल शांति और भक्ति चाहिए।

साध्वी के रूप में वायरल होने के बाद हर्षा रिछारिया की पुरानी तस्वीरें और वीडियो लोग शेयर कर रहे हैं। वह एंकरिंग, भक्ति एल्बम में अभिनय और इंस्टाग्राम पर कंटेंट बनाती दिख रही हैं। उनके इंस्टाग्राम बायो में उनके आध्यात्मिक संबंध और उत्तराखंड से जुड़ाव का ज़िक्र है। उनकी पोस्ट ज़्यादातर धार्मिक विषयों पर केंद्रित हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर वह हिंदूवादी बात करती है। हर्षा रिछारिया ने कहा कि जब से मैं अपने गुरु आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंदगिरी जी मिलूं हूं तब से मैं साधना से निकल नहीं पाई हूं। हर्षा रिछारिया ने कहा कि मैं एक ब्राह्मण परिवार से आती हूं। मेरा परिवार हमेशा से चाहता था कि मेरा बच्‍चा अपनी धर्म और संस्‍कृति की राह पर चले। वो मेरा प्रोफेशन था, जो मैं अपने लिए कर रही थी। उसमें भी परिवार ने कभी आपत्ति नहीं जताई। आज मैं जहां हूं उन्‍हें थोड़ा सा लग रहा है कि मैं सच में संन्‍यासिन न बन जाऊं। बाकी उनको सब बहुत अच्‍छा लग रहा है।